कुछ कहानियाँ सिर्फ कहानी नहीं होतीं, वो हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं।
ये कोई सिंपल प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि एक emotional love story है, जो आपके दिल को छू जाएगी, आंखों को नम कर देगी और आपको अपनी ही कोई भूली-बिसरी याद भी दिला देगी।
ये कहानी है आरव और अन्वी की – दो अलग-अलग सोच, दो अलग-अलग दुनिया के लोग, जिनका मिलना शायद किस्मत में लिखा था।
एक छोटा-सा शहर जहां जिंदगी की रफ्तार धीमी होती है, पर एहसास बहुत गहरे। वहीं के एक कॉलेज में आरव पढ़ाई करता था – एक सीधा-सादा लड़का, जिसकी आँखों में सपने तो बहुत थे लेकिन शब्दों में उन्हें बयां करने की हिम्मत नहीं।
आरव की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था, बस दिल के किसी कोने में एक खालीपन था, जिसे वो खुद भी समझ नहीं पाता था।
वो खालीपन तब भरने लगा जब उसकी जिंदगी में अन्वी आई – एक चंचल, हंसमुख, और दिल से बेहद साफ लड़की। पहली बार जब अन्वी उसके सामने आई, तो न कोई पीछे से Music था, ना ही कोई फिल्मो वाला सीन… फिर भी दिल के तारों को छू गया।
शायद यही तो है एक heart touching emotional love story की शुरुआत – जो बिना कहे, बिना किसी बड़े वादे के, दोनो दिल धीरे-धीरे एक-दूसरे को महसूस करना शुरू करते हैं।
आरव को खुद नहीं पता था कि वो कब अन्वी की मुस्कान में खो गया।
हर सुबह कॉलेज जाना अब एक बहाना जैसा बन गया था – असली मकसद था, बस उसको एक बार देख लेना।
वो हर छोटी-सी मुलाकात को एक ख्वाब की तरह जीता, और अन्वी… उसे शायद इस बदलते एहसास का अंदाजा तक नहीं था।
कहते हैं ना, सच्चा प्यार वही होता है जो बिना शोर किए आपके अंदर गहराई तक उतर जाए, और आरव की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी।
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पहली मुलाकात और शुरुआत (First Meeting & Bonding)
वो दिन शायद आरव कभी भूल नहीं सकता, जब पहली बार उसने अन्वी को देखा था।
कॉलेज की लाइब्रेरी में वो किताबें ढूंढ रहा था, और सामने से आती हुई अन्वी अचानक से टकरा गई।
उसकी किताबें जमीन पर गिर गईं, और अन्वी झुककर उन्हें उठाने लगी।
आरव ने कांपते हाथों से उसकी मदद की, लेकिन उसकी नजरें लगातार उस मुस्कान पर टिकी थीं, जो अन्वी के चेहरे पर थी, नर्म, सच्ची, और कुछ तो था उसमें… जो सीधा दिल को छू गया।
“थैंक यू!” – अन्वी ने कहा, और आरव के होठों से सिर्फ एक धीमा सा “वेलकम…” निकला।
वो पल कुछ सेकंड का था, मगर आरव के लिए वो उसकी पूरी emotional love story का पहला चैप्टर बन गया।
दोस्ती की शुरुआत
उसके बाद लाइब्रेरी, कैंटीन, क्लासरूम – हर जगह जैसे किस्मत ने उन्हें एक-दूसरे के करीब लाने की साजिश रच ली थी।
धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ीं, बातों का सिलसिला शुरू हुआ।
अन्वी बहुत खुले दिल की लड़की थी, वो हर चीज को जीने में यकीन रखती थी।
वहीं आरव थोड़ा एक शांत, मगर बहुत ही गंभीर इंसान था।
शायद विपरीत स्वभाव ही उन्हें Attraction दे रहा था।
अन्वी की बातो से आरव अंदर तक हंस देता था, और आरव की आंखें अन्वी को भी एक शुकुन देती थीं।
कुछ हसीन पल
एक दिन जब बारिश हो रही थी, कॉलेज से भी छुट्टी मिल गई थी।
लगभग सभी लोग घर जा चुके थे, लेकिन आरव और अन्वी अभी भी कैंटीन में चाय पी रहे थे।
बारिश की फुहारों के बीच चाय की गर्मी और साथ में दोनों की बातचीत —
वो पहली बार था जब आरव ने खुद से कहा, “शायद यही प्यार है…”
उस दिन के बाद, आरव ने एक छोटी-सी डायरी बनानी शुरू की।
हर दिन अन्वी के साथ बिताए कुछ पलों को उसमें लिखता, और हर बार एक ही बात दोहराता
“मुझे यकीन नहीं होता कि मैं इतना खुश कैसे हो सकता हूँ।”
उसे पता था कि ये सिर्फ आकर्षण नहीं है,
ये कोई कॉलेज का झूठा रोमांस नहीं —
बल्कि ये एक deep emotional love story बन रही थी, जिसकी जड़ें दिल में उतर चुकी थीं।
अन्वी को अभी तक इस सबका अंदाजा नहीं था।
उसके लिए शायद आरव सिर्फ एक अच्छा दोस्त था।
लेकिन आरव के लिए अन्वी, उसकी पूरी दुनिया बनती जा रही थी। वो दुनिया जो अधूरी थी, अब धीरे-धीरे पूरी लगने लगी थी।
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गहराता प्यार और इमोशनल कनेक्शन (Deep Love & Emotional Attachment)
वक्त के साथ दोस्ती अब एक खूबसूरत एहसास में बदल चुकी थी।
आरव अब बिना अन्वी के एक दिन की भी कल्पना नहीं कर सकता था।
कॉलेज के वो तीन साल जैसे पंखों वाले थे – हर दिन, हर पल, एक नई उम्मीद, एक नई मुस्कान लेकर आता था।
आरव को अब पूरा यकीन हो गया था कि अन्वी ही उसका पहला और अंतिम प्यार है।
लेकिन वो जानता था कि अन्वी से कुछ भी कहने से पहले उसे भरोसे और समझदारी की एक मजबूत नींव बनानी होगी।
साथ जो मजबूती देता गया
एक दिन आरव की मां अचानक बीमार हो गईं।
पापा बहुत पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके थे, और अब माँ ही एक मात्र उसका सहारा थीं।
आरव पूरी तरह टूट चुका था।
उसी वक्त, अन्वी ने बिना कुछ कहे, उसका हाथ थामा और अस्पताल तक उसके साथ रही।
वो न तो उसका परिवार थी, न कोई जिम्मेदारी… फिर भी उसने हर दर्द में उसका साथ दिया।
रात-रात भर जागकर आरव की मां की देखभाल करना,
आरव को खाना खिलाना, उसे संभालना —
ये सब कुछ बिना किसी उम्मीद के कर रही थी अन्वी।
वहीं, आरव ने खुद से कह दिया —
“अगर सच्चा प्यार किसी इंसान का नाम है, तो वो अन्वी है।”
सपनों की दुनिया
अब दोनों के बीच न सिर्फ दोस्ती थी, न सिर्फ आकर्षण –
बल्कि एक गहरा, न टूटने वाला emotional connection बन चुका था।
वे घंटों छत पर बैठकर भविष्य की बातें करते,
कभी अपने बच्चों के नाम सोचते, कभी साथ घूमने की जगहें तय करते।
“अगर हम साथ रहे, तो ये दुनिया कितनी खूबसूरत हो जाएगी!”
अन्वी की ये बात आरव के दिल में बस गई थी।
शायद यही वो लम्हा था जहां ये emotional love story एक खूबसूरत मोड़ पर पहुंची थी –
जहां प्यार सिर्फ इजहार नहीं, एक एहसास बन गया था।
जहां साथ होने का मतलब सिर्फ हाथ थामना नहीं, बल्कि हर दर्द, हर ख्वाब को मिलकर जीना था।
इमोशनल बंधन
आरव ने एक दिन डायरी में लिखा:
“तेरे बिना भी जीवन जी सकता हूँ, पर वो जीना सिर्फ व सिर्फ साँस लेना होगा…
तेरे साथ हर पल एक जिंदगी है – एक ऐसी जिंदगी, जो अधूरी नहीं।”
उसने अब तय कर लिया था कि वो अपने प्यार का इजहार करेगा।
अब डर नहीं था कि वो क्या जवाब देगी, क्योंकि वो जानता था –
उनके बीच कुछ ऐसा था जो शब्दों से परे था।
लेकिन क्या प्यार हमेशा वैसा ही रहता है जैसा हम सोचते हैं?
क्या जिंदगी उन दो दिलों को यूं ही चैन से जीने देती है?
अब कहानी एक ऐसे मोड़ पर आने वाली है, जहाँ
टूटन, दूरी, और इंतजार — इस heart touching emotional love story की अगली कसौटी बनेंगे…
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टूटन और दूरी (Separation & Heartbreak)
प्यार जब दिल की गहराइयों से पनपता है, तो उसका टूटना सिर्फ एक रिश्ता नहीं तोड़ता वो इंसान को अंदर तक बिखेर देता है।
आरव और अन्वी की कहानी अब उस मोड़ पर आ चुकी थी, जहां किस्मत ने उन्हें एक कठिन इम्तिहान के सामने खड़ा कर दिया।
दूरियाँ जो मजबूरी बन गईं
कॉलेज का अंतिम साल था। जॉब प्लेसमेंट शुरू हो चुके थे।
जहां आरव ने एक लोकल कंपनी में जॉब ले ली, वहीं अन्वी को एक मल्टीनेशनल कंपनी से ऑफर आया वो भी सिंगापुर में।
जब अन्वी ने ये खबर आरव को सुनाई, तो उसके चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन आंखों में डर भी।
वो जानती थी कि ये फैसला उनके रिश्ते के लिए आसान नहीं होगा।
आरव ने मुस्कराकर कहा,
“जाना है तो जाओ, लेकिन अपना दिल यहीं छोड़ देना…”
अन्वी हँसी, लेकिन उसकी हँसी में वो सच्चाई नहीं थी जो पहले हुआ करती थी।
गलतफहमियों का जहर
विदेश जाने से पहले दोनों ने वादा किया था कि रोज बात करेंगे, वीडियो कॉल, मैसेज…
शुरुआत में सब कुछ वैसा ही चला।
लेकिन कुछ महीनों बाद, बातचीत कम होने लगी।
अन्वी अब हर बार व्यस्त होती, देर से रिप्लाई करती।
और फिर एक दिन, आरव ने उसे इंस्टाग्राम पर एक अजनबी लड़के के साथ देखा, पार्टी में, हँसते हुए।
उस रात को आरव ने पहली बार अपनी डायरी में कुछ नहीं लिखा।
एक खामोश विदाई
कई दिनों तक आरव ने ना कॉल किया, ना मैसेज।
और फिर एक दिन अन्वी का मैसेज आया:
“आरव, मुझे माफ करना। मैं अब इस रिश्ते को और नहीं निभा सकती।
मैं तुम्हें कभी दुख नहीं देना चाहती थी। लेकिन शायद हम सिर्फ यादें बनकर ही एक-दूसरे के साथ रह पाएंगे। Take care.”
आरव के लिए ये सिर्फ एक ब्रेकअप नहीं था,
ये उसकी पूरी दुनिया के बिखर जाने जैसा था।
उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया,
कई दिनों तक किसी से नहीं मिला।
खुद से सवाल करता रहा —
“क्या मेरा प्यार अधूरा था? क्या मैं काफी नहीं था?”
बिखरे हुए पन्ने
उसकी डायरी अब आंसुओं से भीग चुकी थी।
हर पेज उसके जुदाई की गवाही दे रहा था।
“जिसे मैंने अपना सब कुछ माना, वो आज किसी और की हँसी में शामिल है।
मेरी दुनिया, मेरे बिना ही आगे बढ़ गई।”
किसी समय सिर्फ एक मुस्कान से शुरू हुई ये emotional love story, अब एक चुपचाप अलविदा पर खत्म होती नजर आ रही थी।
लेकिन क्या यहीं इस कहानी का अंत है?
या कहीं किस्मत ने उनके लिए कोई और मोड़ बचा रखा है?

पुनर्मिलन की उम्मीद (Twist & Hope for Reunion)
वक़्त बीत गया।
एक साल… फिर दूसरा।
आरव ने खुद को ट्रैक पर लाने की कोशिश की — नई नौकरी, नया शहर, लेकिन उसके दिल के अंदर अब भी सिर्फ अन्वी के नाम था।
कभी-कभी वो अब भी अन्वी की पुरानी तस्वीरें को देखता था, उसके भेजे हुए वॉयस मैसेज को सुनता, और फिर धीरे से मुस्कुराने के बाद आंखें बंद कर लेता।
वो इवेंट, जहां सब बदल गया
एक दिन ऑफिस की तरफ से उसे एक literature fest में भेजा —
आरव अब एक कंटेंट राइटर था और उसे वहां अपनी डायरी पर आधारित लेख पढ़ना था:
“उसके बिना अधूरी थी मेरी दुनिया” — ये टाइटल था।
जैसे ही वो मंच पर गया और पढ़ना शुरू किया, पूरा हॉल शांत था।
हर शब्द सीधा दिल को छू रहा था:
“वो सिर्फ एक लड़की नहीं थी,
वो मेरी हिम्मत थी, मेरी वजह थी।
और जब वो गई… तो जैसे मेरी पूरी दुनिया अपने रंग खो बैठी।”
तालियाँ बजीं, लोग भावुक हो उठे।
पर एक चेहरा… जो सबसे पीछे बैठा था आँसुओं से भरा हुआ।
वो अन्वी थी।
पुरानी आंखें, नए आँसू
कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब आरव बाहर निकला,
तो सामने वही खामोश चेहरा खड़ा था,
जिसने कभी उसकी जिंदगी को सबसे हसीन रंगों से भर दिया था।
दोनों की आंखें मिलीं, और कुछ पल यूं ही बीत गए —
ना कोई शब्द, ना कोई सवाल,
बस एक नमी, जो उन दोनों की रूह तक पहुंच चुकी थी।
“आरव…” – अन्वी की आवाज काँप रही थी।
“मैंने तुम्हें हर दिन याद किया… पर हिम्मत नहीं थी लौट आने की।”
आरव चुप रहा।
फिर धीरे से मुस्कुराया और कहा:
“मैंने जाना ही नहीं कि तुम गई कब थी…
तुम तो हर रोज मेरी लिखी हुई हर लाइन में थीं।”
दिल की दहलीज पर एक और मौका?
अन्वी आज भी उसी तरह देख रही थी जैसे पहली बार में देखी थी —
बस फर्क इतना था कि इस बार उसकी आंखों में पछतावा था।
“क्या बहुत देर हो गई आरव?” – अन्वी ने पूछा।
आरव ने लंबी सांस ली और कहा:
“देर तब होती, जब दिल में प्यार बाकी न रहता…
और मेरे पास तो अब भी वही दिल है — बस थोड़ा टूटा हुआ है।”
अधूरी कहानी… फिर से शुरू?
कहानी वहीं खत्म नहीं हुई।
क्या उन्होंने दोबारा शुरुआत की?
क्या जिंदगी ने उन्हें एक और मौका दिया?
ये तो वही जानते हैं।
पर इतना तय है कि ये emotional love story सिर्फ आंसुओं की नहीं,
बल्कि उम्मीद की भी कहानी है।
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नई शुरुआत या अंतिम अलविदा?
आरव और अन्वी दोनों अब पहले जैसे नहीं थे।
समय ने उन्हें परिपक्व बना दिया था, पर भीतर की खाली जगह अब भी वैसी ही थी।
दोनों ने कुछ दिनों तक एक-दूसरे से फिर से बात की —
पुरानी यादें ताजा कीं, नई बातें कीं।
पर इस बार आरव जल्दबाजी में नहीं था।
“मैं अब पहले जैसा नहीं सोचता अन्वी… प्यार अब मेरे लिए सिर्फ साथ नहीं, सुकून है।”
अन्वी ने भी स्वीकार किया,
“और मैंने सुकून कभी तुमसे बेहतर किसी के साथ महसूस नहीं किया।”
एक आखिरी सवाल
फिर एक शाम, जब सूरज ढल रहा था और हल्की ठंडी हवा चल रही थी,
आरव ने वही पुरानी डायरी बाहर निकाली।
उसमें एक नया पन्ना जोड़ा और कुछ लिखा।
“कभी तू थी, तो मैं था।
अब मैं हूँ, तो तेरा इंतजार है…
चलो फिर से एक-दूसरे में खो जाएं।”
फिर उसने डायरी अन्वी को दी और कहा:
“अगर तुम भी चाहो कि ये कहानी दोबारा शुरू हो —
तो अगला पन्ना तुम लिखना…”
अन्वी की आंखों में आंसू थे, पर इस बार वो आंसू दर्द के नहीं,
खुशी और राहत के थे।
उसने मुस्कुराकर डायरी ली, पेन निकाला,
और लिखा:
“हाँ, मैं भी अधूरी थी… तुम्हारे बिना।
अब चलो, इस बार अधूरा कुछ ना रहे।”
कहानी का अंत… या नई शुरुआत?
आरव और अन्वी ने दोबारा रिश्ता शुरू किया —
धीरे-धीरे, समझदारी से, विश्वास के साथ।
उनका प्यार अब पहले से ज्यादा मजबूत था —
क्योंकि अब वो सिर्फ दिल से नहीं,
जिंदगी के अनुभवों से बंधा हुआ था।
नैतिक संदेश (Moral of the Story)
सच्चा प्यार वक्त मांगता है, पर लौटकर आता है।
कभी भी गलतफहमियाँ प्यार को खत्म नहीं करतीं है, अगर दिल में जगह हो तो कभी भी रिश्ता फिर से बन सकता है।
हर अधूरी कहानी का अंत दुखद नहीं होता — कुछ अधूरी कहानियाँ मुकम्मल होने के लिए ही अधूरी छोड़ी जाती हैं।
यह सिर्फ एक emotional love story in Hindi नहीं थी,
बल्कि उन सभी लोगों की कहानी है,
जो अपने दिल में किसी को अब भी जिन्दा रखे हुए हैं —
चुपचाप, बेआवाज, लेकिन बहुत गहराई से।
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FAQs
Q: Emotional love story क्या होती है?
Ans: Emotional love story वह प्रेम कहानी होती है जो भावनाओं, गहराई और सच्चे रिश्तों को दर्शाती है। ये कहानियाँ अक्सर दिल को छू जाती हैं और पाठकों को अपने अनुभवों से जोड़ देती हैं।
Q: क्या सच्चा प्यार लौट कर आता है?
Ans: हां, अगर प्यार सच्चा हो और दोनों के दिलों में जगह हो तो समय बीतने के बाद भी सच्चा प्यार लौट सकता है। समझदारी और विश्वास से रिश्ता फिर से मजबूत हो सकता है।
Q: क्या यह Emotional love story सच्ची है?
Ans: यह एक काल्पनिक Emotional love story है लेकिन इसमें उपयोग की गई भावनाएँ और स्थितियाँ असल जिंदगी से प्रेरित हैं, जिससे हर पाठक खुद को जोड़ सकता है।
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