हर इंसान की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आता है, जहाँ या तो वो टूट जाता है, या फिर खुद को नई तरह से गढ़ लेता है। Raushan की कहानी भी कुछ ऐसी ही है । एक सीधी-सादी जिंदगी जो अचानक struggle life के ऐसे दौर में बदल गई जहाँ हर दिन एक नई परीक्षा थी।
छोटे से गाँव में जन्मा Raushan कभी बड़ा आदमी बनने का सपना नहीं देखता था। उसका सपना बस इतना था कि उसके घर में रोज खाना बने, माँ को दोपहर में आराम मिले और पापा खेत से मुस्कुराते लौटें। लेकिन किस्मत ने जैसे उसकी मासूम ख्वाहिशों को चुनौती दे दी।
जब वो सिर्फ 12 साल का था, तभी उसके पिता एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा। एक ऐसा समय जहाँ बचपन खेल में बीतता है, वहीं Raushan की struggle life शुरू हो चुकी थी। स्कूल की किताबें बंद हो गईं, और मजदूरी के औंजार उसके हाथ में आ गए।
पर यही वो पल था जिसने Raushan को खास बना दिया। उस बच्चे ने ठान लिया था कि वो हालातों से हारेगा नहीं, बल्कि उन्हें बदलकर दिखाएगा।
इसे भी पढ़े:- Struggle Story of Sonu: पारिवारिक समस्याओं से मजदूरी तक, फिर मेहनत से बदली अपनी जिंदगी

गरीबी की गोद में पला बचपन
Raushan का जन्म बिहार के एक छोटे से गाँव में हुआ था, जहाँ न तो पक्की सड़कें थीं, न ही रोज बिजली मिलती थी। मिट्टी की झोपड़ी में रहने वाले उसके परिवार के लिए दो वक्त की रोटी ही सबसे बड़ी उपलब्धि थी। पिता किसान थे और माँ घर का काम सँभालती थीं। घर की हालत ऐसी थी कि बरसात के मौसम में छत से टपकता पानी रोकने के लिए बाल्टी और बर्तन लगाए जाते।
बचपन में जब बाकी बच्चे स्कूल की छुट्टी के बाद खेलते थे, Raushan खेतों में पिता के साथ काम करता। उसे कभी कोई शिकायत नहीं रही, क्योंकि उसे यही जिंदगी मिली थी । struggle life उसकी शुरुआत से ही थी।
लेकिन हाँ, उसके दिल में एक छोटा-सा सपना जरूर था । वो भी स्कूल की यूनिफॉर्म पहनकर पढ़ाई करना चाहता था। गाँव के सरकारी स्कूल में दाखिला तो हो गया, पर किताबें खरीदने तक के पैसे नहीं थे। उसके पास एक पुरानी स्लेट थी और टूटी पेंसिल, लेकिन उसके हौसले पूरे थे।
Raushan को पढ़ाई से बहुत प्यार था। वो दूसरों से किताबें मांग लाता, और रात को लालटेन की रौशनी में घंटों बैठकर पढाई करने की कोशिश करता। कई बार वह भूखा रहता, लेकिन वो कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ता था।
लोग उसका मजाक उड़ाते, “इतना पढ़कर क्या करेगा? आखिर में तो हल ही चलाना है!”
लेकिन Raushan की struggle life ने उसे सिखा दिया था कि जो लोग हँसते हैं, वही एक दिन तालियाँ भी बजाते हैं, अगर आप डटे रहो।
इसे भी पढ़े:- किशन और स्नेहा की अधूरी मोहब्बत – एक प्रेरणादायक Short Story in Hindi जो दिल छू जाएगी
शिक्षा के लिए जंग
Raushan की पढ़ाई की जिद्द उसकी गरीबी से भी बड़ी थी। हर सुबह वो नंगे पाँव, दो किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाता था। फटी-पुरानी यूनिफॉर्म, कभी-कभी बिना टिफिन के, लेकिन आँखों में वही चमक कुछ बनकर दिखाने की।
लेकिन गाँव के लोग उसे और उसके परिवार को नीची नजरों से देखने लगे थे।
“लड़का काम के लायक हो गया है, पढ़ाई में टाइम क्यों बर्बाद कर रहा है?”
“इतनी गरीबी में भी सपने देख रहा है? अकल ठिकाने आ जाएगी!”
Raushan को इन तानों की आदत हो चुकी थी, लेकिन जब उसके पिता ने भी हार मान ली और कहा कि अब वो पढ़ाई छोड़ दे । यही वो पल था जिसने उसकी आत्मा को झकझोर दिया।
पिता का कहना गलत नहीं था। घर में दाल तक नहीं थी, माँ बीमार रहने लगी थीं, और खेत की आमदनी नाममात्र थी। लेकिन Raushan जानता था कि अगर उसने अभी हार मान ली, तो ये struggle life कभी नहीं बदलेगी।
उसने दिन में खेतों में काम करना शुरू किया, और रात में गाँव के मंदिर के बाहर बैठकर पढ़ाई करता।
पास के एक शिक्षक ने उसकी लगन देखकर बिना फीस के ट्यूशन देना शुरू किया। ये छोटा-सा सहारा उसके लिए उम्मीद की बड़ी किरण बन गया।
Raushan के हाथों में किताबें थीं, लेकिन पीठ पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ भी था।
उसने एक ही बात ठान रखी थी —
“जब तक साँस चलेगी, संघर्ष भी चलेगा। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा।”
उसका संघर्ष अब केवल गरीबी से नहीं, बल्कि उस समाज से था जो सपनों की कीमत नहीं समझता।
इसे भी पढ़े: Real Life Story जो आपकी सोच बदल देगी | Must Read
कमाई की दौड़ और कंधों पर जिम्मेदारियाँ
Raushan ने जैसे-तैसे बारहवीं पास की। ये उपलब्धि गाँव के लिए बड़ी बात थी, लेकिन उसके घर के लिए ये एक और चिंता का सबब बन गई।
अब सवाल यह था कि आगे क्या?
कॉलेज? नौकरी? या पूरा समय खेत और परिवार को?
उसने अपने अंदर उठते हर सपने को एक कोने में रखकर फैसला लिया, अब पैसा कमाना जरूरी है।
पर एक गरीब गाँव के लड़के के लिए नौकरी मिलना आसान नहीं था। कुछ समय के लिए वो पास के कस्बे में एक मेडिकल स्टोर पर सहायक बनकर काम करने लगा। सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक काम, वो भी सिर्फ ₹2,000 महीने पर। इतनी रकम से माँ की दवा, बहन की किताबें और खुद के खर्च… कुछ भी पूरा नहीं होता था।
कई बार भूखे पेट ही सोना पड़ता, लेकिन फिर भी Raushan मुस्कराते रहता था। क्योंकि उसने अपने आप से एक वादा किया था —
“Struggle life मेरी मंजिल को तय करेगा, मेरी हार नहीं।”
काम के दौरान जब लोग उसे अनदेखा करते, झिड़कते, यहाँ तक कि अपमानित भी करते, तो वो बस चुपचाप सब सहता और रात को जाकर खुद को एक मोटिवेशनल वीडियो या किताब से जोड़ता। वो जानता था कि उसकी मेहनत का फल देर से मिलेगा, लेकिन मिलेगा जरूर।
एक दिन उसने एक broken मोबाइल पर देखा —
“अगर हालात तुम्हारे खिलाफ हैं, तो शायद तुम कुछ बड़ा करने के लिए बने हो।”
उसने उसी दिन तय कर लिया कि अब वक्त आ गया है —
खुद को बदलने का, खुद पर इन्वेस्ट करने का।
इसे भी पढ़े:- Inspirational Story of Suman: दर्द, संघर्ष और एक नई उड़ान की कहानी

एक मोड़ जिसने सब बदल दिया
कई महीने बीत चुके थे। रोज की वही थकावट, कमाई की चिंता, और भविष्य को लेकर डर, ये सब अब Raushan की आदत में शामिल हो चुका था। लेकिन भीतर कहीं न कहीं, वो आग अभी भी जल रही थी। वही आग जिसने उसे स्कूल की चौखट तक पहुँचाया था।
एक शाम की बात है। मेडिकल स्टोर बंद करने के बाद वो थका हुआ अपने कमरे में आया। कमरे का मतलब था , एक किराए की झोपड़ी, जिसमें पंखा भी नहीं था। वहाँ लेटे-लेटे उसने अपने पुराने मोबाइल पर यूट्यूब खोला, और वहाँ उसे एक वीडियो दिखाई दिया:
“Struggle Life से Success तक तक का सफर – एक सेल्फमेड व्यक्ति की कहानी।”
Raushan ने वो वीडियो पूरा देखा, और पहली बार उसके दिल में यह बात पूरी मजबूती से बैठ गई —
“अगर वो कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?”
उस रात उसने खुद से सवाल किया —
“क्या मैं पूरी जिंदगी ऐसे ही छोटे-मोटे कामों में उलझा रहूँगा? या फिर कुछ ऐसा कर सकता हूँ जिससे मेरा परिवार गर्व महसूस करे?”
उसका जवाब साफ था —
“अब और नहीं।”
अगले ही दिन उसने अपनी बचत से एक पुराना सेकंड-हैंड लैपटॉप खरीदा। घरवालों ने फिर विरोध किया —
“इतने पैसों की बर्बादी क्यों?”
“तू कोई अफसर थोड़े बन जाएगा!”
लेकिन इस बार Raushan डगमगाया नहीं। उसने ऑनलाइन फ्री कोर्स खोजे, डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, कंप्यूटर स्किल्स सीखना शुरू किया।
काम के बाद रात को 2-3 बजे तक जागना, वीडियो देखना, प्रैक्टिस करना उसकी दिनचर्या बन गई।
अब उसकी struggle life सिर्फ जिंदा रहने के लिए नहीं थी, कुछ बड़ा करने के लिए थी।
इसे भी पढ़े:- Emotional Story: वक्त कभी लौटकर नहीं आता
खुद को तराशने की शुरुआत
अब तक की जिंदगी ने Raushan को दर्द, ठोकर और ताने तो बहुत दिए थे — लेकिन अब वो हर ठोकर को सीढ़ी बनाना सीख चुका था।
जिन हाथों में कभी सिर्फ फावड़ा और दवाइयों के पैकेट हुआ करते थे, अब उसी हाथों से वो लैपटॉप पर Typing सीख रहा था।
दिन में मेडिकल स्टोर, और रात में ऑनलाइन कोर्स यही उसकी दुनिया बन गई थी। वो YouTube से डिजिटल मार्केटिंग, freelancing, content writing और basic designing जैसे स्किल्स सीखने लगा। कई बार नींद की कमी से आँखें जलती थीं, लेकिन उसकी आत्मा कहती थी —
“थक सकता है, रुक नहीं सकता।”
Raushan ने अपने पहले ब्लॉग की शुरुआत की।
विषय था — “Struggle Life से Success तक कैसे पहुँचा जा सकता है?”
उसे उम्मीद नहीं थी कि कोई पढ़ेगा, लेकिन कुछ ही दिनों में उस पर कमेंट्स आने लगे —
“भाई, आपकी कहानी मोटिवेट कर गई!”
“ऐसे ही लिखते रहो, हम जुड़ते रहेंगे।”
यही छोटे-छोटे validation उसके हौसले की उर्जा बन गए।
इसके बाद उसने Fiverr और Upwork जैसे प्लेटफॉर्म्स पर काम खोजना शुरू किया। कई बार रिजेक्ट हुआ, लेकिन हार नहीं मानी।
लगातार कोशिशों के बाद उसका पहला freelancing प्रोजेक्ट मिला — ₹500 का ब्लॉग पोस्ट।
शायद राशि छोटी थी, लेकिन उस दिन की खुशी अनमोल थी। पहली बार उसने खुद की मेहनत से ऑनलाइन कमाई की थी।
अब उसका मकसद साफ था ,
“Struggle life को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाना है।”
वो जान चुका था कि अगर सच्चे दिल से चाहो , तो न गांव की सीमाएं रोक पायेगी, न गरीबी की बेड़ियां।
इसे भी पढ़े:- Sacha Pyar – जब वक्त हार गया, लेकिन मोहब्बत जीत गई
सफलता की वो सुबह
अब Raushan की जिंदगी बदल चुकी थी। जो लड़का किसी समय दिन भर मेडिकल स्टोर पर रहता था, वो अब घर बैठे देश-विदेश के Clients के लिए Online काम कर रहा था।
अब Struggle life की पहचान उसके लिए शर्म की नहीं, सम्मान बन चूका था।
हर महीने वो ₹20,000–30,000 कमाने लगा। धीरे-धीरे उसने एक वेबसाइट बनाई, खुद का ब्लॉग ब्रांड बनाना शुरू किया, और YouTube चैनल भी लॉन्च कर दिया, जहाँ वो लोगों को फ्री में डिजिटल स्किल्स सिखाने लगा।
अब उसका सपना सिर्फ खुद की जिंदगी बदलना नहीं था, बल्कि उन हजारों-लाखों लड़कों-लड़कियों को रास्ता दिखाना था जो आज भी उसी अंधेरे में हैं जहाँ वो कभी था।
गाँव में जो लोग उसे ताने मारते थे, अब उनके बच्चे उससे ऑनलाइन सीखने लगे थे।
पिता की आँखों में अब गर्व की चमक थी, माँ को अब रोज दवा मिलती थी और बहन को अच्छे कॉलेज में दाखिला मिला, ये सब Raushan की संघर्षमयी मेहनत का ही परिणाम था।
एक दिन उसे Zoom पर एक Interview के लिए कॉल आया — एक बड़ी Digital Agency ने उसे Invite किया था एक Virtual Webinar में बतौर “Inspiration from Rural India”।
वहाँ उसने एक ही बात कही —
“मैंने किसी School से नहीं, बल्कि struggle life से सीखा हूँ।”
ताली बजती रही, और उसके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी —
क्योंकि वो जान चुका था कि सफलता का सबसे मजबूत आधार सिर्फ सपने नहीं, बल्कि उनके लिए किया गया संघर्ष होता है।
इसे भी पढ़े:- Hindi Best Story: एक साधारण लड़के की असाधारण सोच – जिसने सब कुछ बदल दिया
संघर्ष का अंत नहीं, नई शुरुआत
Raushan आज जहाँ पहुँचा है, वहाँ तक पहुँचने के लिए उसे किसी शॉर्टकट की जरूरत नहीं पड़ी —
उसे चाहिए था सिर्फ एक यकीन, जो उसने खुद पर किया।
जब भी कोई उससे पूछता है —
“तुम्हारी सफलता का राज क्या है?”
वो मुस्कुराकर कहता है —
“मेरी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी थी मेरी struggle life, और मेरी सबसे बड़ी किताब थी मेरी हालत।”
आज भी वो महंगे सूट में नहीं चलता, ना ही किसी बड़े ऑफिस में बैठता है। लेकिन उसके पास वो चीज है जो सबसे कीमती है —
सम्मान, आत्मविश्वास, और दूसरों के लिए उम्मीद।
Raushan की कहानी हमें सिखाती है कि:
- अगर हालात कठिन हैं, तो उसका मतलब यह नहीं कि आप हार जाएं।
- अगर जेब खाली है, तो दिमाग और दिल को भी खाली मत होने दो।
- और सबसे जरूरी — अगर आप लगातार संघर्ष कर रहे हैं, तो आप हार नहीं रहे… आप मजबूत बन रहे हैं।
Struggle Life कोई अभिशाप नहीं, वो तप है जो इंसान को खरा बनाता है।
इसलिए अगर आप भी अभी किसी कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो रुकिए मत। ये रास्ता लंबा हो सकता है, लेकिन इसका मंजिलआपको खुद पर गर्व करना सिखाएगी।
Raushan की तरह आप भी एक दिन कह सकेंगे —
“हाँ, मैंने अपनी तकदीर खुद लिखी है — हर आंसू, हर ठोकर और हर हार से।”
इसे भी पढ़े:- Hindi Motivational Story: एक गाँव का लड़का जिसने सपनों से अपनी किस्मत बदल दी
अगर आप मुझसे जुड़ना चाहते हो तो फेसबुक और WhatsApp group को Join कीजिये। आप हमारी नयी कहानियो के लिए Newsletters को सब्सक्राइब कर लीजिये।
Also read: एक अधूरी Prem Kahani – जब प्यार होकर भी मिल नहीं पाए
Also read: एक अनसुनी प्रेम कहानी(prem kahani) – जब वादा अधूरा रह गया
इसे भी पढ़े:- Motivational Story: जब किस्मत नहीं, मेहनत ने इतिहास रचा
इसे भी पढ़े:- Struggle to Success – एक साधारण लड़के की असाधारण सफलता की कहानी
FAQs
Q: Raushan कौन था और उसकी Struggle Life कैसी थी?
Ans: Raushan बिहार के एक छोटे गाँव से था, जिसने गरीबी, समाज की आलोचना और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच अपना सपना नहीं छोड़ा। उसकी struggle life मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास की मिसाल है।
Q: Raushan ने सफलता कैसे हासिल की?
Ans: Raushan ने कठिन हालात में भी डिजिटल स्किल्स सीखी, freelancing शुरू की और online काम कर के खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। उसने अपने संघर्ष को ही अपने सफलता का ज़रिया बनाया।
Q: क्या यह कहानी सच्ची है?
Ans: हाँ, यह एक Real-Life Inspired Story है जो लाखों लोगों की जिंदगी से मेल खाती है। इसे पढ़कर आप खुद को कई स्तर पर जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।
Q: इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
Ans: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि struggle life कोई कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत होती है, बशर्ते आप उससे भागने के बजाय सामना करें। मेहनत और सीखने की ललक आपको किसी भी मंजिल तक पहुँचा सकती है।
Q: क्या मैं भी Raushan की तरह online success पा सकता हूँ?
Ans: बिलकुल! अगर आप मेहनत करने को तैयार हैं, कुछ नया सीखना चाहते हैं और लगातार कोशिश करते हैं — तो आप भी अपनी struggle life को सफलता की कहानी में बदल सकते हैं।
Pingback: एक Sachi Kahani प्यार, धोखा और उम्मीद की। जरूर पढ़ें
Pingback: Heart-Touching Short Love Story – जब दूरी भी हार गई